रक्षा-बंधन २९ अगस्त २०१५ - १३:५० के बाद |
Raksha bandhan 29 August 2015 - After 13:50
इस पर्व पर धारण किया हुआ रक्षासूत्र सम्पूर्ण रोगों तथा अशुभ कार्यों का विनाशक है। इसे वर्ष में एक बार धारण करने से वर्ष भर मनुष्य रक्षित हो जाता है।
("सर्वरोगोंपशमनम् सर्वा शुभ विनाशनम् I सक्र्त्क्रते नाब्दमेकं येन रक्षा कृता भवेत् I I" - भविष्य पुराण )
इससे विजय, सुख, पुत्र, आरोग्य और धन प्राप्त होता है, यह रक्षाबंधन का विलक्षण प्रभाव हैं। यह रक्षाबंधन चारों वर्णों को करना चाहिये | जो व्यक्ति रक्षाबंधन करता है, वह वर्षभर सुखी रहकर पुत्र-पौत्र और धन से परिपूर्ण हो जाता है |
सावन के महीने में सूर्य की किरणें धरती पर कम पड़ती हैं. जिससे किसी को दस्त, किसी को उल्टियाँ, किसी को अजीर्ण, किसी को बुखार हो जाता है तो किसी का शरीर टूटने लगता है. इसलिए रक्षाबंधन के दिन रक्षासूत्र बाँध कर तन–मन–मति की स्वास्थ्य-रक्षा का संकल्प किया जाता है, कितना रहस्य है !
यह रक्षा सूत्र यदि वैदिक रीति से बनाई जाए तो शास्त्रों में उसका बड़ा महत्व है ।
Our scriptures have laid great significance on preparing this holy raksha thread in the vedic manner.
इसके लिए ५ वस्तुओं की आवश्यकता होती है -
There are five items needed -
(१) दूर्वा (घास) (२) अक्षत (चावल) (३) केसर (४) चन्दन (५) सरसों के दाने ।
1. Durva (Grass) 2. Akshat (Rice) 3. Kesar 4. Chandan 5. Mustard grains.
इन ५ वस्तुओं को रेशम के कपड़े में लेकर उसे बांध दें या सिलाई कर दें, फिर उसे कलावा में पिरो दें, इस प्रकार वैदिक राखी तैयार हो जाएगी ।
बहनें अपने भाई को, माता अपने बच्चों को, दादी अपने पोते को शुभ संकल्प करके बांधे ।
Sisters can tie them to their brothers, mothers to their children, grandmothers to their grandson after making holy resolutions.
महाभारत में यह रक्षा सूत्र माता कुंती ने अपने पोते अभिमन्यु को बाँधी थी । जब तक यह धागा अभिमन्यु के हाथ में था तब तक उसकी रक्षा हुई, धागा टूटने पर अभिमन्यु की मृत्यु हुई ।
In Mahabharata, Mother Kunti had tied this raksha-sutra to her grandson Abhimanyu. As long as the thread stayed put on his hand, he stayed protected. Abhimanyu was killed only after the thread snapped.
रक्षा सूत्र बांधते समय ये श्लोक बोलें -
"येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः । तेन त्वाम रक्ष बध्नामि, रक्षे माचल माचल: ।।"
इन पांच वस्तुओं का महत्त्व -
(१) दूर्वा - जिस प्रकार दूर्वा का एक अंकुर बो देने पर तेज़ी से फैलता है और हज़ारों की संख्या में उग जाता है, उसी प्रकार मेरे भाई का वंश और उसमे सदगुणों का विकास तेज़ी से हो । सदाचार, मन की पवित्रता तीव्रता से बदता जाए । दूर्वा गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, उनके जीवन में विघ्नों का नाश हो जाए ।
(२) अक्षत - हमारी श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत ना हो सदा अक्षत रहे ।
(३) केसर - केसर की प्रकृति तेज़ होती है अर्थात हम जिसे राखी बाँध रहे हैं, वह तेजस्वी हो । उनके जीवन में आध्यात्मिकता का तेज, भक्ति का तेज कभी कम ना हो ।
(४) चन्दन - चन्दन की प्रकृति तेज होती है और यह सुगंध देता है । उसी प्रकार उनके जीवन में शीतलता बनी रहे, कभी मानसिक तनाव ना हो । साथ ही उनके जीवन में परोपकार, सदाचार और संयम की सुगंध फैलती रहे ।
(५) सरसों के दाने - सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है अर्थात इससे यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गुणों को, कंटकों को समाप्त करने में हम तीक्ष्ण बनें ।
Significance of these five items –
1. Durva - Just as on sowing even one seed of Durva, it spreads rapidly and grows out in numbers above thousands, in the same way, I pray that My brother's lineage and his good qualities keep growing steadily. Good character and mental purity should develop progressively. Durva is Shri Ganesha's favourite which implies that all obstacles get eradicated from the life of those who are tied with a rakhi.
2. Akshat - Our devotion must never give away, should always remain unbroken.
3. Kesar - The natural property of Kesar is heat i.e. may the one who is tied with a rakhi have a illustrious life. May the qualities of spirituality and devotion always flourish forth.
4. Chandan - The natural property of Chandan is cool and it emanates fragrance. Pray that he leads a composed life free of any mental tensions. Also, his life should be fragrant with selfless service to others, good character and self control.
5. Mustard seeds - The property of mustard is sharply acidic which conveys the meaning that we should be sharp in overcoming and eradicating the social ills around us.
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शुक्रवार, 28 अगस्त 2015
Raksha bandhan का महत्व
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