आजादी रे सागै ही राजस्थान री जनता रे साथे एक मोटो धोखो हुयो वो ओ हे क विणरी मायड़ भाषा मूंडे सूं खोस लीनी जिण रो ओ असर वियो क जिण प्रदेशों में आपरी मायङ भाषा में पढ़णीया टाबर हा वै राजस्थान रा टाबरां सूं भारत सरकार री नोकरियों खास कर मोटी नोकरियों में घणा आया (बंगाली तमिल अर दूजी दिखणाद री भाषाओं इण में गिणीज सके) राजस्थान री नोकरियों अर जगत पोशाळाओं में घणकरा लोग उतराद रे प्रदेशों सूं आया जको जाण बूझ र राजस्थानी भाषा ने लारै राखण रा जतन करिया इण लोगों रो फायदो राजस्थानी भाषा ने लारै राखण में ही हो इण खातर व्है एड़ीज पक्की व्यवस्था बणाय दीनी के अटारा टाबर कांइ पढेला वा ए तै करला स्कूलो में किताबो कैड़ी व्हैला वा ए तै करेला इण कारण सूं आंपां लोग आंपणी जड़ा सूं कटता गया अर नवी पिढी रा टाबर आपरी मायङ भाषा री मटोट गवांय दीनी जूना संस्कारां सूं अळगा व्हैगा इणीज कारण आज मायङ भाषा मान्यता री खातर इणो रे हिये में हिलौळ नी उठे छाती में जोश रोधपळको नी उठे स्कूलो में आपणे साथे किया ए लोग छळ करे इण री बानगी दैखो पैली पोत पोशाळा मे आवणियो टाबर आपरै घरे एक मिनकी ने देख उण रो नाम आपरी मायङ भाषा में मां या दादी सूं सीख र पोशाळ में आवे अबे विने हिन्दी रा गुरूजी कैवे आ मिनकी कोनी बिल्ली हैं टाबर गतागम पड़ जावै पण इतरा सूं विणरौ छूटकारो कठै अगरेजी रा सर आय ने केवे आ बिल्ली कोनी आ कैट हैं टाबर रे हिये में हाल ताइ चितराम पका व्हैणा हैं जिते तो घरवाळा री भाषा अर पोशाळ री भाषा टाबर ने डाफाचूक करदे पण असली घात इण रे साथे आंपणी सरकार करे जद ओ टाबर एडा़ घणकरा शबद सीख जावै अबे परीक्शा री वेळा सगळा टाबरां सूं दस जिनावरों रा नाम पूछिजै जिण टाबर रे घरां अगरेजी बोलिजे वो ६ शबद सही बताय दै अर म्हारै वा ळौ टाबर ३ सही बतावै अबे म्हने अर म्हारै टाबर ने घर रा समाज रा अर आंपणी सरकार ठोठ कैवे गुरूजी ने नाजोगा कैवे पण इण ना जोगी व्यवस्था ने कोई नी कैवे में परीक्शा लीनी टाबर ने कितरा शबद याद विया जिण घर में अगरेजी बोले विण टाबर रे खजाने में ६ शबद विया अर म्हारै टाबर रै खजाने में ९ शबद विया कारण के वो एक री ठोड़ तीन तीन शबद याद करिया मिनकी =बिल्ली =कैट उन्दरो =चूहा=रैट3*3=9 इण भांत. राजस्थानी भाषा ने मान्यता नी दैय आपाने ना जोगा बणाया राखे
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