दोस्तों आप राखी वाले दिन किसी भी समय राखी बधवा सकते हैं , इसमें आप को कोई मुहूरत या राखी का कलर देखने की कोई जरुरत नहीं। राखी बाधना या बधवाना एक प्रथा है कोई पूजा नहीं जो इतनी चीजे ध्यान रखने की जरुरत है , त्यौहार को enjoy कीजिये और इस त्यौहार का जो मुख्य बिंदु है भाई-बहन का प्रेम , इसको मजबूत कीजिये। और दिन भर किसी भी समय राखी बंधवाई जा सकती है
.
.
आजकल बहुत से लोग लोग फेसबुक और टीवी पर आकर बताने लगे हैं की ये समय भद्रा है , इसमें राखी न बाधे या मेष राशि वालो के लिए ये समय है और मेष राशि वाले लाल रंग की राखी बधवाए या ये करे वो न करे। तो दोस्तों राखी में बहन का प्रेम देखने की जरुरत है राखी का कलर , अपनी राशि या समय नहीं।
.
.
ज्योतिष तो यही कहता हैं की राशि के आधार पे बिना कुंडली दिखाए कोई भी रत्न या कोई भी कलर या नंबर को लकी नहीं मानना चाहिए।
वैसे रावण के काल में रक्षा बंधन नही था। कोई सिद्ध करने वाला हो
भद्रा काल में रक्षा बंधन करने में कोई दोष होता हैं कृपया इस MESSAGE से लोगो में भ्रम न पैदा करे। हर पूर्णिमा को भद्रा पड़ेगी ही। और मुख्यतः रक्षा बंधन के दिन तो हर साल भद्रा होता है।
.
.
एंड सबसे बड़ी बात ज्योतिष शास्त्र की की ............ भद्रा का दोष तभी माना जाता है ,जब भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में हों ............ अर्थात् उस दिन विष्टि करण हो तो भद्रा होती है और उसी दिन विष्टि करण के साथ-साथ चन्द्रमा कर्क,सिंह,कुम्भ,मीन इन चार में से किसी एक राशि में हो।
अतः रक्षा बंधन के दिन by defult कभी भी ऐसा नही हो सकता। क्योंकि उस दिन हर साल श्रवण नक्षत्र ही पड़ेगा।जो,कि आपको पता ही होगा कि, मकर राशी में श्रवण नक्षत्र होता है। इसलिए हर साल रक्षाबंधन वाले दिन चन्द्र मकर में होगा। तो भद्रा का निवास पृथ्वी लोक में न होने से यह दिन भद्र के दोष से मुक्त है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें