मंगलवार, 29 मार्च 2016

मारवाड़ी सिनेमा हाल में

एक मारवाड़ी सिनेमा हाल में cold drink की बोतल लेके बैठा था.

हर 15-20 मिनट पर बोतल को मुँह से लगा रहा था.

बगल में बैठे सरदार को गुस्सा आ रहा था.
उसने बोतल छीनी और एक ही बार में  गटक कर बोला: ले पकड़  ऐसे पीते हैं .

मारवाड़ी  -पर में तो बोतल में विमल थूक रियो तो भाई

राजस्थान दिवस पर बधाईया

राजस्थान दिवस पर बधाईया

आ धरती गोरा धोरां री, आ धरती मीठा मोरां री
ईं धरती रो रूतबो ऊंचो, आ बात कवै कूंचो कूंचो,

आं फोगां में निपज्या हीरा, आं बांठां में नाची मीरा,
पन्ना री जामण आ सागण, आ ही प्रताप री मा भागण,

दादू रैदास कथी वाणी, पीथळ रै पाण रयो पाणी,
जौहर री जागी आग अठै, रळ मिलग्या राग विराग अठै,

तलवार उगी रण खेतां में, इतिहास मंड़योड़ा रेतां में,
बो सत रो सीरी आडावळ, बा पत री साख भरै चंबळ,

चूंडावत मांगी सैनाणी, सिर काट दे दिया क्षत्राणी,
ईं कूख जलमियो भामासा, राणा री पूरी मन आसा,

बो जोधो दुरगादास जबर, भिड़ लीन्ही दिल्ली स्यूं टक्कर,
जुग जुग में आगीवाण हुया, घर गळी गांव घमसान हुया,

पग पग पर जागी जोत अठै, मरणै स्यूं मधरी मौत अठै,
रूं रूं में छतरयां देवळ है, आ अमर जुझारां री थळ है,

हर एक खेजड़ै खेड़ा में, रोहीड़ा खींप कंकेड़ा में
मारू री गूंजी राग अठै, बलिदान हुया बेथाग अठै,

आ मायड़ संतां शूरां री, आ भोम बांकुरा वीरां री,
आ माटी मोठ मतीरां री, आ धूणी ध्यानी धीरां री,

आ साथण काचर बोरां री, आ मरवण लूआं लोरां री
आ धरती गोरा धोरां री, आ धरती मीठै मोरां री।

रमतियो

"मोबाइल"

कलयुग में भगवान एक, 'रमतियो' बणायो।
दुनियावाला ई को नाम, 'मोबाइल' रखवायो।।
'मोबाइल' रखवायो, खिलोणो है यो अजब अनोखो।
धरती क इन्साना न यो,लाग्यो घणो चोखो।।

इन्साना सुं भगवन बोल्या,बात राखज्यो याद।
सोच समझ बपराया वरना,होज्यासो बरबाद।।
होज्यासो बरबाद,चस्को लागेलो अति भारी।
ई के लारे पागल हो जावेली दुनिया सारी।।

सदउपयोग करे जो कोई,काम घणो यो आसी।
दुरउपयोग जे होवण लाग्यो,टाबर बिगड़ जासी।।
टाबर बिगड़ जासी,कोई की भी नहीं सुणेला।
'मोबाइल' में मगन रहसी,काम नहीं करेला।।

टाबरां की छोड़ो,बडोड़ा की अक्कल कढ जासी।
काम धंधा छोड़ बैठ्या मोबाइल मचकासी।
मोबाइल मचकासी और खेलसी दिनभर गेम।
व्हाट्सएप क मैसेज मे ही,बीत जासी टेम।।

छोरियां और लुगायां लेसी इंटरनेट कनेक्सन।
हाथां में मोबाइल रखणो बण जावेलो फ़ैसन।।
बण जावेलो फ़ैसन,ए तो फेसबुक चलासी।
रामायण और भगवतगीता ने,पढणो भूल जासी।।

अपणे अपणे मोबाइल मे,रहसी सगळा मस्त।
धर्म कर्म और रिश्ता नाता,सब होजासी ध्वस्त।।
कहे कवि "घनश्याम" प्रभु थारी लीला अपरम्पार।
म्हाने तो लागे यो थांरो,है 'कल्कि अवतार'।।

बुधवार, 23 मार्च 2016

राजपुताना के रीति  रिवाज

राजपुताना के रीति  रिवाज जिनकी जानकारी हमारे लिए  आवश्यक है।       
         
1.) अगर आप के पिता जी /दादोसा बिराज रहे है तो कोई भी शादी ,फंक्शन, मंदिर आदि में आप के कभी भी लम्बा तिलक और चावल नहीं लगेगा, सिर्फ एक छोटी टीकी लगेगी !!

2.) जब सिर पर साफा बंधा होता है तो तिलक करते समय पीछे हाथ नही रखा जाता, हां ,सर के पीछे हाथ तभी रखते है जब आप नंगे सर हो, तो सर ढकने के लिए हाथ रखें।

3.) पिता का पहना हुआ साफा , आप नहीं पहन सकते

4.) मटिया, गहरा हरा, नीला, सफेद ये शोक के साफे है

5.) खम्मा घणी  का असली मतलब है "माफ़ करना में आप के सामने बोलने की जुरत कर रहा हूं,  जिस का आज के युग में कोई मायने नहीं रहा गया है !!

6.) असल में खम्माघणी , चारण, भाट, राज्यसभा मे ठिकानेदार / राजा /महाराजा के सामने कुछ बोलने की आज्ञा मांगने के लिए use करते थे.

7.) ये सरासर गलत बात है की घणी खम्मा, खम्मा-घणी का उत्तर है, असल में दोनों का मतलब एक ही है !!

8.) हर राज के, ठिकाने के, यहाँ clan/subclan के इस्थ देवता होते थे, जो की जायदातर कृष्ण या विष्णु के अनेक रूपों में से होते थे, और उनके नाम से ही गाँववाले या नाते-रिश्तेदार आप का greet करते थे, जैसे की जय रघुनाथ जी की , जय चारभुजाजी की...जय गोपीनाथ जी की ।

9.) पैर में कड़ा-लंगर, हाथी पर तोरण, नंगारा, निशान, ठिकाने का मोनो ये सब जागीरी का हिस्सा थे, हर कोई जागीरदार नहीं कर सकता था, स्टेट की तरफ से इनायत होते थे..!!

10.) मनवार का अनादर नहीं करना चाहिए, अगर आप नहीं भी पीते है तो भी मनवार के हाथ लगाके या हाथ में ले कर सर पर लगाके वापस दे दे, पीना जरुरी नहीं है , पर ना -नुकुर कर उसका अनादर न करे

11.) अमल घोलना, चिलम, हुक्का या दारू की मनवार, मकसद होता था, भाई, बंधु, भाईपे, रिश्तेदारों को एक जाजम पर लाना !!

12.)ढोली के ढोल को "अब बंद करो या ले जायो" नहीं कहा जाता है "पधराओ " कहते हैं।

13.) आज भी कई घरों में तलवार को म्यान से निकालने नहीं देते, क्योंकि तलवार की एक परंपरा है - अगर वो म्यान से बाहर आई तो या तो उनके खून लगेगा, या लोहे पर बजेगी, इसलिए आज भी कभी अगर तलवार म्यान से निकलते भी है तो उसको लोहे पर बजा कर ही फिर से म्यान में डालते है !!

14.) तोरण मारना इसलिए कहते है क्योकि तोरण एक राक्षश था, जिसने शिवजी के विवाह में बाधा डालने की कोशिश की थी और उसका शिवजी ने वध किया था

15.) ये कहना गलत है की माताजी के बलि चढाई, माताजी तो माँ है वो भला कैसे किसी प्राणी की बलि ले सकती है, दरअसल बलि माताजी के भेरू (शेर) के लिए चढ़ती है, उसको प्रसन्न करने के लिए.

सोमवार, 21 मार्च 2016

पईसां लारे गेला होग्या।

भाईचारो मरतो दीखे,
पईसां लारे गेला
होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे,
भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो,
पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां ल्याया
काम करण रा फोङा होग्या ।
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां तो हूंती आई पण
आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां तो उघड़बा लागी,
न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो,
पाऊडर पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी,
म्हेल पुराणां टूंढ़ा होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या,
टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुण पूछे,
पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख भाडकर ठूंठ लेयग्या
जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर
बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया,
अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी
ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो,
बिकाऊ भगवान होयग्या,
आदमी रा नाम बदलता आया,
देवी देवता रा नाम बदल लाग्या
भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण
आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे,
बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों,
लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली
परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या,
सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
फूल-फूल कर लम्बा हो गया
दिवलो करे उजास जगत में
खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या,
पंसेरी रा पाव होयग्या,
ओ थाने चोखो लाग्यो हुव तो औरा ना भी भेजनो  मति भुलज्यो।
राम-राम सा।

रविवार, 20 मार्च 2016

राजस्थान री धोरां धरती

     पुराणां समै री बात है , राजस्थान री धोरा धरती में ऊनाळै रै दिनां में  दो सहेलियां कांकङ (वनक्षेत्र) में लकङियां लावण ने गई ।
  रस्ते में व्है देखियौ के दो हीरण मरियोङा पङिया हा अर उणां रै बीच में एक खाडा में थोङो सो"क
पाणी भरीयौ हौ । जद एक सहैली कह्यौ ----

खङ्यौ नी दीखै पारधी ,
लग्यौ नी दीखै बाण ।
म्है थने पूछूं ऐ सखी ,
किण विध तजिया प्राण ।।

( है सखी , अटे कोई शिकारी नजर नी आय रियौ है अर इणां रै बाण भी नी लागोङो है तो ऐ हीरण किकर मरिया ? )

     तो दुजोङी सहैली उण ने उत्तर दियौ --

जळ थोङो नेह घणो ,
लग्या प्रीत रा बाण ।
तूं -पी  तूं-पी  कैवतां ,
दोनूं तजिया प्राण ।।

( इण सुनसान रोही में  दोनूं हीरण तिरस्या हा , पाणी इतरौ ही हौ के एक हीरण  री तिरस(प्यास ) मिट सके , पण दोयां में सनेह  इतरो हौ के उणां मांय सूं कोई  एक पीवणीं नी चावतो । इण खातर दोइ एक -दूजा री मनवार करता करता प्राण तज दिया ।)

    राजस्थान री धोरां धरती रै जानवरां  में इतरो नेह अर हेत  है ,  तो अटा रै मिनखां रै नेह  रो उनमान नी लगां सकां ।

शनिवार, 19 मार्च 2016

मोरूडा

मोरूडा अमरीका मे मोदी मोदी बोल्यो रे ,,, मोरूडा कांग्रेसिया ने दाय कोनी आयो रे,,,मोरूडा सोनिया रो मुडो चुप करायो रे,,, मोरूडा फेसबुक मे तिरंगो लहरायो रे,,
मोरूडा वोटसऐप मे घणो हाल्यो रे
मोरूडा दोस्तो रे दाय घणो आयो रे
मोरूडा चाइना ने लारे छोड आयो रे,,,मोरूडा गजब रो धमाल थें मचायो रे।