शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

म्हारला छोरा म दिमाग घणो ही है

मारवाड़ी माँ बाप का सबसे लोकप्रिय डायलॉग-

म्हारला छोरा म दिमाग घणो ही है ।
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बस पढाई म ही कोनी लगाव ।।

Ak™

जापा

इतिहास के टीचर ने
गाँव के एक स्कूल में पूछा
भुरिया-" थुं यो बता के अकबर कदी पैदा व्यो?
भुरो:  मू कई अठी वठी जापा करातो थोड़ी फरुं मारसाब... मने कई ठा कदी पैदा वियो.!

माता निकल गी

एक बार एक मारवाड़ी को नयो नयो ब्याह होयो। ब्याह के दूसरे दिन ही आपकी लुगाई ने लेकर जा रह्यो हो। रस्ते में एक ताऊ बैठ्यो हो।

ताऊ -छोरा लुगाई ने लेकर कठ जा रह्यो है।

छोरो - अस्पताल जा रह्यो हूँ। माता निकल गी।

ताऊ - अरर लायो तो लुगाई हो, माता कियां निकलगी।

कटका

कटका किसे कहते है?
उत्तर- आंगली मरोड़ने से जो भचीड़ उपड़ता है उसे कटका कहते है

गुरुवार, 18 फ़रवरी 2016

लाव मिराज  काढ..

अमेरिका में इंटरव्यू

मेनेजर : व्हेर आर यु फ्रॉम ?
लड़का : सर, lndia.
मेनेजर : अरे वाह. India में कहाँ से ?
लड़का : सर, Rajasthan से.
मेनेजर : का वात है डोफा.. Rajasthan मे कठा ती.
लड़का :  jalore थी.
मेनेजर : अन्नी मा रे ! Jalore रो है ?
लड़का : साब थै jalore रा हो ?
मेनेजर : हा....काल थी आवजे रो नोकरी माते...
लड़का : साब मारो बायोडेटा तो देखो परो ...
मेनेजर : कोई नी देखणु डोफा... jalore वाला अमेरिका रा बाप है.........
 
लाव मिराज  काढ..

रविवार, 14 फ़रवरी 2016

दू एक भोगना मै

बीवी को सुबह सुबह उठाने के अलग अलग अंदाज ____
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हिन्दू - जानू उठो सवेरा हो गया
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मुस्लिम - बेगम उठो चाँद ढल गया .
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क्रिश्चियन - डार्लिंग गेट अप्स इट्स डाउन .
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लेकिन .
मारवाडी तो मारवाडी है - तावडो आयो हे ऊटे क दू एक भोगना मै

वे दिन पाछा आसी काई?

वे दिन पाछा आसी काई?

जन बियाव में "भुंगल" माथे गाना बाजता के " वो परी कहाँ से लाउ, तेरी दुल्हन किसे बनाऊ" अर आधा जूना अर आधा नवा टेंट में निचे बिच्योड़ी दरिया माथे जिमता।

खाने में नुक्ति, खिचड़ी, पकौड़ी, लापसी, पूड़ियां, मिर्चा और चिना री कढ़ी होवती। जद टाबर सबसु पहला जिमता ने जिमावनिया घर-बास रा मिनख हुवता। जद मोटा ने मनुवार सु ने छोटा ने सावचेति सु जीमण परोसता।

टाबर जिमता ही जावता ने केवता-
" ओ भाईसा। थोड़ी नुक्ति घालो तो।"
जबाब मिळतो।
" पेला। पकौड़ियां खत्म करो।

टेम तो आज भी चोखो है, बियाव में जगमग टेंटा में पचास तरीके रा जीमण बने पण जिमवनिया सब भाड़े रा मिनख हुए। रोटियां खोसनि पड़े अर मिठाई मांग ने खावनि पड़े। घर धनि रा लाखो रूपया लागे पण बरातिया अर घरवाला रा पेट तो भरज्या पण मन नी धापीजे।