शनिवार, 19 दिसंबर 2020

ठंड पडे़ है ठाकरां...



ठंड पडे़ है ठाकरां , काठा पहनो कोट ।
दूध गटकाओ रात में,रंजर जीमो रोट॥

ठंड पडे है जोरकी,पतली लागे सौड़।
चाय पकौड़ी मूंफली, इण सर्दी रो तोड़ ॥

डांफर चाले भूंडकी ,चोवण लाग्यो नाक ।
कांमल राखां ओडके,सिगडी तापां हाथ ॥

काया धुझे ठाठरे, मुँडो छोडे भाफ ।
दिनुगे पेली चावडी, नहानो धोनो पाप ॥

गूदड़ माथे गुदड़ा , ओढंया राखो आप ।। 
ताता चेपो गुलगुला , चाय पिओ अणमाप।।। 

आप सबां ने सियाले री खम्मा घणी सा

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