शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

दारू दुसमण देह री, नेह घटादे नैण।

दारू दुसमण देह री, नेह घटादे नैण।
इज्जत जावै आप री, लाजां मरसी सैण।१।

दारू तो अल़घी भली, मत पीवो म्हाराज।
कूंडो काया रो करै, घर मैं करै अकाज।२।

मद मत पीवो मानवी, मद सूं घटसी मान।
धन गंवास्यो गांठ रो, मिनखां मांही शान।३।

दारू री आ लत बुरी, कोडी करै बजार।
लाखीणै सै मिनख रा, टका कर दे च्यार।४।

दारू रा दरसण बुरा, माङी उणा री गत।
ज्यांरै मूँ दारू लगी, पङी जिणां नै लत।५।

ढ़ोला दारू छोङदे, नींतर मारू छोङ।
मद पीतां मरवण कठै, जासी काया छोङ।६।

मदछकिया छैला सुणो, देवो दारू छोङ।
नित भंजैला माजनू, जासी मूछ मरोङ।७।

दारू दाल़द दायनी, मत ना राखो सीर।
लाखीणी इज्जत मिटै, घर रो घटसी नीर।८।

दारू देवै दुःख घणा, घर रो देवै भेद।
धण रो हल़को हाथ ह्वै, रोक सकै ना बैद।९।

धण तो दुखियारी रहै, दुख पावै औलाद।
जिण रै घर दारू बसै, सुख सकै नहीं लाध।१०।

मिनख जूण दोरी मिलै, मत खो दारू पी'र।
धूल़ सटै क्यूं डांगरा, मती गमावै हीर।११।

दारू न्यूतै बण सजन, दोखी उणनै जाण।
दूर राखजे कर जतन, मत करजे सम्मान।१२।

दारू सुण दातार है, घणां कैवला लोग।
मत भुल़ ज्याई बावल़ा, मती लगाजे रोग।१३।

गाफल मत ना होयजे, मद पीके मतवाल।
लत लागी तो बावल़ा, राम नहीं रूखाल़।१४।

रैज्ये मद सूं आंतरो, सदां सदां सिरदार।
ओगणगारी मद बुरी, मत मानी मनवार।१५।

मद री मनवारां करै, नीं बो थारो सैण।
दूर भला इसङा सजन, मती मिलाज्यो नैण।१६।

जे सुख चावो जीव रो, दारू राखो दूर।
घर रा सै सोरा जिवै, आप जिवो भरपूर।१७।

गढ़'र कोट सै खायगी, दारू दिया डबोय।
अजै नहीं जे छोडस्यो, टाबर करमा रोय।१८।

दुख पावैली टाबरी, दे दे करमा हाथ।
परिवारां जे सुख चहै, छोङो दारू (रो) साथ।१९।

चारण ओ अरजी करै, मद नै जावो भूल।
मिनख जमारो भायला, कींकर करो फजूल।२०।

खरा सौदा

खरा सौदा
गुजराती, राजस्थानी और सिन्धी में चर्चा शुरू हुई की सबसे ज्यादा रईस कौन है?

तीनो का ही जवाब था, "मैं"।

यह देख पास ही में बैठा पंजाबी बोला, "साबित करके बताओ की तुम में से सबसे ज्यादा रईस कौन है?"

गुजराती ने जेब से 500 का नोट निकाला और उसकी सिगरेट बना कर माचिस जलाई और पीने लगा।

सिन्धी को इसमें अपनी तौहीन नज़र आई उसने जेब से 1000 का नोट निकाला सिगरेट बनाई और जला कर उसे पीने लगा बोला,"वडी हमसे बड़ा रईस कौन हो सकता है इण्डिया में।"

पंजाबी राजस्थानी की तरफ देखने लगा।

राजस्थानी ने अपना ब्रीफकेस खोला चेकबुक निकाली और एक चेक भरा 5 लाख रुपये, उस चेक की सिगरेट बनाई और माचिस जला कर उसे पीने लगा बोला, "भाया सबसे बड़ा रईस वो जो बिना नुक्सान किये मज़े लेवे।"

कहानी का मूल: सब कुछ करने का लेकिन राजस्थानी से पंगा नही लेने का।

वाद-विवाद

आज का ज्ञान !!!
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जिस छोरी ने स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता
जीती हो,
भूल से भी उससे ब्याह ना करें !

सँध्या बिँदणी

ये सुनकर कटप्पा फरार हो गया है..
की
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बाहुबली मर्डर केस की
जाँच
सँध्या बिँदणी
करेगी…

सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

पटवारी के पीछे एक कुत्ता

गॉव में पटवारी के पीछे एक कुत्ता पड़ गया।
सारे गॉव में भागने के बाद पटवारी पेड़ पर चढ़ गया और बोला -
" साले तेरे पास एक बिघा भी जमींन होती न, तो पता चलता की तूने किससे पंगा लिया है ।"

शनिवार, 20 फ़रवरी 2016

अठे हर कोई भरे बटका

अठे हर कोई भरे बटका

घुमाबा नहीं ले जावां,
तो घराळी भरे बटका।

घराळी रो मान ज्यादा राखां,
तो माँ भरे बटका।

कोई काम कमाई नहीं करां,
तो बाप भरे बटका।

पॉकेट मनी नहीं देवां,
तो बेटा भरे बटका।

कोई खर्चो पाणी नहीं करां,
तो दोस्त भरे बटका।

थोड़ो सो कोई न क्यूं कह दयां,
तो पड़ौसी भरे बटका।

पंचायती में नहीं जावां,
तो समाज भरे बटका।

जनम मरण में नहीं जावां,
तो सगा संबंधी भरे बटका।

छोरा छोरी नहीं पढ़े,
तो मास्टर भरे बटका।

पुरी फीस नहीं देवां,
तो डॉक्टर भरे बटका।

गाड़ी का कागज पानड़ा नहीं मिले,
तो पुलिस भरे बटका।

मांगी रिश्वत नहीं देवां,
तो अफसर भरे बटका।

टाइम सूं उधार नहीं चुकावां,
तो सेठ भरे बटका।

टेमूं टेम किश्त नहीं चुकावां,
तो बैंक मैनेजर भरे बटका।

नौकरी बराबर नहीं करां,
तो बॉस भरे बटका।

व्हाट्सएप्प पर मेसेज नहीं करां तो,
ऐडमिन भरे बटका।

फेसबुक पर लाइक कमेंट नहीं करां,
तो फ्रेंड भरे बटका।

अब थे ही बताओ,
जावां तो कठे जावां,
अठे हर कोई भरे बटका।
अठे हर कोई भरे बटका।

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

म्हारला छोरा म दिमाग घणो ही है

मारवाड़ी माँ बाप का सबसे लोकप्रिय डायलॉग-

म्हारला छोरा म दिमाग घणो ही है ।
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बस पढाई म ही कोनी लगाव ।।

Ak™