गुरुवार, 11 फ़रवरी 2016

मारवाड़ी  से पंगा मत लेना...

जिस दिन हम मारवाडी की सरकार बन गई ना तो..
अयोध्या में राम मन्दिर क्या.

पाकिस्तान में  भेरूजी बावजी, का  थान बना देगें 

किसी ने गूगल पर सर्च किया..

"मारवाड़ी "को काबू मे कैसे करें."
गूगल का जवाब आया...

"औकात मे रहकर सर्च करें.."
               
मारवाड़ी  से पंगा मत लेना...
क्योंकि,

जिन तूफानों में लोगो के झोपड़े उड़ जाते है,...
उन तूफानों में तो "मारवाड़ी"कपड़े सुखाते हैं |

मारवाड़ी फ़ौज

कितणा देख्यूं?


ताऊ (अपने बेटे से) : रै
बेवकूफ, मेवालाल जी की
बिटिया नै देख, फर्स्ट आई
है स्कूल में

बेटा : और कितणा देख्यूं?
उसी नै देख-देख के तो फैल
होई गया 

आटो

अब तो हद हो गयी

कल एक ढोलन आई और
आवाज लगाई

भाईसा वेलनटाइन रो आटो गालो

बुधवार, 10 फ़रवरी 2016

वेलेन्टाइन डे कांई बला है?

गुरू जी: आ वेलेन्टाइन डे कांई बला है?

कक्षा को सेऊं हुस्यार छोरो: गुरजी... आ कुंआरां की आखातीज है...

इस साल कोई वैलेंटाइनस डे नहीं |

इस साल कोई वैलेंटाइनस डे नहीं |
.
••• बोल देना उनको की इन्तजार मत करना......
••• कोई प्रपोजल एक्सेप्ट नहीं होगा
क्यूंकि.....
13 को पटवारी की एग्जाम देबा ज्यास्यां
सेंटर दूर है, पाछा 14 की शाम का ही आस्या
रेलगाड़ी लेट होगी तो रात भी हो सके हैं ......
सॉरी छोरियो . नाराज मत होइजो

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

अटे भूल वेगी नी !

NASA का राकेट ब्लास्ट हुआ:

जापान: टेक्नोलॉजी परीक्षण किये थे ?
Nasa: yes

रशिया: क्रिटिकल मास वॉल्यूम ठीक था ?
Nasa: yes

ब्रिटेन: ऑपरेटिंग मोड सिस्टम चेक किया था ?
Nasa: yes

भारत:  भैरू बावजी के नारियल वदारियो...?

Nasa : No...!

भारत:    ले............ अटे भूल वेगी नी !!!!!

रविवार, 7 फ़रवरी 2016

आखर और टाबर

आखर और टाबर
(तर्ज-पातल और पीथल)
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अरे देश री शिक्षा में,अधिकार बीज रो ज्यो बोग्यो।
नाना सा टाबर डौल रह्या,जीवण में अंधारो सो छाग्यो।
हूँ लड़्यो घणो हूँ सह्यो घणो,शाला रो मान बचावण नै।
हूँ पाछ नहीं राखी कुछ भी,शाला परिणाम बढ़ावण नै।
जद स्टाफ पैटरण याद करुं,पद खाली आज नजर आवै।
कक्षाएं ठाली बैठी है,बिन शिक्षक कौन भणा पावै।
कान मेरा  सूना पड़ग्या ,कक्षों से आती सीटी से।
शिक्षक रो धर्म कियां निभसी,सब चौपट होग्या नीति से।
एकीकरण  आदर्शीकरण, मूंडा में ज्यूँ रोटी ताती।
कलमां री स्याही चीख पड़ी,मत लिख कौन पढ़ै पाती।
पण शिक्षक हियो बोल उठ्यो,शाला री पाग पगां में है।
सारे जग रो हूँ  कर्ता धर्ता,ब्रह्मा रो खून रगा  में  है।
हूँ  नेट भरुं , अपलोड करुं, डाकां ई मेल आबाद रहे।
हूँ घोर अभावां में भटकूँ,पर शाला दरपण याद रहे।
शिक्षक री खिमता छीण भई,इक हाथ बजातां ताली नै।
शिक्षक री हाथल टूट गई,अब बाग हँसे खुद माली नै।
                        -कीर के तीर