चूलह कने जचे चिमपियो,
चाकी जचे पोली में !
छपर खाट चोबारा जचे,
तकियो जचे खोली में !!
गाय भैंस गोर में जचे,
भेड़ बकरिया टोली में !
रंग गुलाबी लागेे मुंडा पे,
डोळ बिगड़ज्या होली में !!
रोही में जचे कमेडी,
जचे मोरियॊ बागा में !
सुई साग जचे भुणीय,
रंग बिरंगे तागा में !!
पान लिया पनवाडी जचे,
हाथ लिवड़ा काथा में !
कांदा साथे जचे राबडी,
मिसी रोटी हाथा में !!
मार पलाथी जचे बाणयो,
कलम चलातो खाता में !
ब्राह्मण गले जचे जनेउ,
लंबी चोटी माथे में !!
चंचल नार जचे झरोखेे,
स्याणी नार चौके में !
बात केओ तो कणाई,
पण जचे कयोड़ी मोके में !!!
राजस्थानी की रचनाये चुटकुले कविताये rajasthani marwari jodhpuri kahawate jokes gk poems facts
मंगलवार, 15 सितंबर 2015
चूलह कने जचे चिमपियो
अमलदार
तहसीलदार,
थाणेदार,
हवलदार,
सुबेदार,
ठेकेदार,
ईमानदार,
इज्जतदार।
ऊंचे पदों के नाम के पीछे दार लगता हैं।
इन सब से बड़ी ऊंची एक पदवी हैं जो राजस्थान में ज़्यादा विख्यात हैं वो हैं
“अमलदार"।
जितना पैसा बड़े ऊंचे पदो वाले को मिलते हैं उससे ज़्यादा तो इनका खर्चा होता हैं।
सोमवार, 14 सितंबर 2015
भॉदरवे री बीज रो
भॉदरवे री बीज रो जब चंदो करे प्रकाश. रामदेव बणऑवशो राखिजै बिशवास. भॉदरवे री बीज रो चम्कीयो एक सितारौ पालणा मे झुळणऑयो जग रो पाळण हॉरौ. आज रे दिन मॉयड मरुधरा री धरती मॉथे श्री हरि विष्णु भगवान रामदेव रे रूप मे अवतॉर लियो जिण री सभी राजस्थान रा भायो ने हार्दिक शुभ कामना. बोलो रूणिचे रे श्याम री जय बॉबो भली करेला जै बॉबे री सा.
पोसावे कोन्नी ।
टीचर : (बच्चो से ) सभी लड़कियो को अपनी बहन समझो .
तभी पपुड़ो :सर जी मै तो कोनि समझू .
टीचर : क्यो ?
पपुड़ो:सर अगर सभी को अपनी बहन समझूगा तो सर इतनी बहनो का मायरा कैसे भरूगा ???
पोसावे कोन्नी ।
नानाणे आयोडा हो
"एक पावणा पेली बार सासरे गिया।
वोने बोलने री घनी आदत ही।
और उरी सासु भी गजब बोलाकड़ी ही।
बातों करते करते शाम तक सासु तो थक गई।
तो बोली
सासु__पावणा सासरे आयोड़ा हो सासरे में घणो नहीं बोलनो चईजे।
पावणा__ तो थे सासुमा कई नानाणे आयोडा हो कई?
घूंघट
एक बार एक ताई फिलम देखन चली गई।
फिलम देख के जब वापस आई तो एक छोरे ने पूछा,
री ताई पिक्चर देख आई के?
ताई बोली : रे छोरे, के बताऊं तन्ने...
छोरा बोल्ला- के बात होगी ताई?
ताई बोल्ली: बात के होणी...
जद मैं फिलम देखण लगी तो फिलम मे मेरे जेठ
जीसा एक मरद था...
छोरा : फेर के होया तो?
ताई: फेर के होणा था, सारी फिलम मे घूंघट काढ़ के
बैठी री।
रविवार, 13 सितंबर 2015
मारवाड़ी भाषा का आनंद-
----मारवाड़ी भाषा का आनंद---
भाईचारो मरतो दीखे,
पईसां लारे गेला
होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे,
भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो,
पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां ल्याया
काम करण रा फोङा होग्या ।
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां तो हूंती आई पण
आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां तो उघड़बा लागी,
न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो,
पाऊडर पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी,
म्हेल पुराणां टूंढ़ा होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या,
टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुछ पूछे,
पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख भाडकर ठूंठ लेयग्या
जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर
बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया,
अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी
ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो,
बिकाऊ भगवान होयग्या,
आदमी रा नाम बदलता आया,
देवी देवता रा नाम बदल लाग्या
भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण
आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे,
बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों,
लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली
परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या,
सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
फूल-फूल कर लम्बा हो गया
दिवलो करे उजास जगत में
खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या,
पंसेरी रा पाव होयग्या,