"जनणी जणै तौ ऐङौ जणै,
कै दाता कै शूर ।
नींतर रहज्यै बाँझङी,
मती गमाज्यै नूर..॥"
"इला न दैणी आपणी,
हालरियै हुलराय ।
पूत सिखावै पालणै,
मरण बङाई मांय ॥"
धिन है.. वीर माता नै,
अर
निवण है..पूत सिखावण पिता नै,
इणरै साथै ई जसजोग कोख नै,
जिकी जगदीस जिस्यौ जबर जोधौ जायौ...!!
जळमभोम... जगदीस नै झुरै !
कीरत री वारता,
अर
जबर जस री ध्वजा...
जग मांय गूँजै...!
जांभाणी जोध जगचावै जगदीस री,
जय...जय...!!
भारतभौम रै शीश हिंवाळै माथै,
आज रै दिन जाँझरकै री बैळा,
जळमभौम री रुखाळी करताँ थकाँ कांम आया,
हिन्द री फौज रै मतवाळै मोट्यार सपूत जगदीस नै,
हियै री कोर तंणी...अंतस सूँ,
'सिरधाञ्जळि'...!
सांचाणी आज मुरधर रौ नागौर परगनौ
अर पाँचलै गाँव री माटी गरब करै,
जांभाणी न्यात अर गोदारा गोत रौ वीर बेटौ जगदीस,
वीरता री नुंवी गाथा रचनै अमर व्हैगो !
सीमाङै रै सपूत री,
सहादत नै सौ वळां....निंवण...!
जय हिन्द ............
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