भगवान री ब़णायोडी इण स्रीष्टी में, किणी भांत कोइ कमी नी हैं ।लखूं जीव आप री जूंण में घणा राजी, व्है सगळा प्रकृती रे मुजब चालै अर आप री जीवा जूंण में लाड कोड सूं रैवै ।मिनख ईसर री सबसूं टणकी अर निराळी रचना हैं । पण आज काले मांनख रे जीवन में नी तो परेम रो रस निजर आवै, नी कोड अर उमाव दिखै, अैडो लखावे के पूरो मानखो कठैइ दौड़ र पूगणो चावै, पण इण आपा धापी में किणी ने इण बा़त री जाच कोनी के जाणो कठै हैं । इण रो कारण हैं के आदमी राम जी री दियोड़ी चीजो रे माथै हक जमाय लियो, जिण सूं मोह रो जंजाळ ब़णियो मिळियोडी चीजो ने थिर राखण सांरू अर नवी चीजो लेवण खातर मिनख आप रो पूरो जोर लगाय दियो । इण सूं चीजो री किमत मानखे सूं घणी व्हैगी, अर मिनख आप रो मान खुद घटाय लियो ।मिळियोडी चीज, हालत सूं कदेइ राजी नी रै सकै।इण कारण भांत भांत री सामगरी भैळी करे ।एक दूजा री होडा होड सूं इण रो कोइ छैह नी, पण मन तो कितरी चीजो भैळी करलो धापे ही कोनी । कारण जैडो मन चावै व्हैडो व्है कोनी,, ।पिलंग मूंघ मोलो ले आवै पण नींद कठासूं लावे, कमरा घणा जबरा पण भाइ सैण कठासूं लावे, रसोइ में बणावण री हजार चीज पण खावणो हाथे नी, इण भांत मिनख मुफत में आखी उमर खपतो जावे ।आ पाधरी बात समज में कोनी आवै के चीजो मिनख रे वास्ते हैं मिनख चीजो रे वास्ते कोनी ।आ बात समज आयो मिनख मंगळ ग्रह री खोज करण री जगै जीवन में मंगळ री खोज करसी ।
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