सोमवार, 6 जून 2016

खेत री ढाणी

रामुड़ै रै
खेत री ढाणी बल़गी  ।
बो रोवै हो
गिड़गिड़ावै हो
नेताजी रै आगै   ।
कै म्हारै जरुरी
काम रो सामान
सगल़ौ ई बल़ग्यो  ।
नेताजी
गोर सूं देखै हा
कै ओ आपणै
जरुरी काम रो
सामान है, कै कोनी ।

         

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें