रविवार, 20 सितंबर 2015

कितने पैग पीते हो ?

डॉ: कितने पैग पीते हो ?

Patient: आठ

डॉ: चार कर दो एक हफ्ते बाद आना।एक हफ्ते बाद

,डॉ: कैसा लग रहा है????

Patient: बहुत अच्छा

डॉ: अब  दो कर दो, एक हफ्ते बाद आना..एक हफ्ते बाद

,डॉ: अब कैसा लग रहा है ?

Patient: बहुत अच्छा.

डॉ: ठीक है अब एक पैग कर दो

Patient: नहीं करूंगा बिलकुल नहीं करूंगा।मैं पहले पूरी बोतल के आठ पैग बनाता था और आपने आठ से चार करवा दिये, चार से दो करवा दिये।अब दो से एक कैसे करूँ?बाजार में इतना बड़ा गिलास नहीं मिलता कि पूरी बोतल उस में आ जाये।Cheers

रामुडा लारे से डुका मार रहा हे

एक बार गांव के स्कूल में नये
मास्टर ने कहा आज से सब

हिंदी बोलेंगे,,,

थोडी देर बाद में पिछे से
आवाज आयी

"सरजी  "रामुडा लारे से डुका मार रहा हे"   'कुचरणी'  कर
रहा है....

भैरव स्तवन

भैरव स्तवन
दोहा
तिरभंगी छंदों तवन, नमन भैरवा नाथ।
कथूं  जिताडौ कासपत
, भव रौ औ भाराथ॥
छंद त्रिभंगी
काशी रा काळा, दीन दयाळा,वीर वडाळा, वपु -बाळा।
कर दंड कराळा, डाक-डमाळा, चम्मर वाळा,खपराळा।
मथ  अहि मुगटाळा, ललित लटाळा, घूंघरवाळा, छमां छमा।
खं खेतरपाळा, रह रखवाळा, रूप निराळा, नमां नमां॥1
वपु राख रमावै, स्वान सजावै,मोद मनावै, हरखावै।
डमरू डणकावै,नाच नचावै, घन गहरावै ,गूंजावै।
बोलै बिरदावै, आफत आवै, कष्ट कपावै, अमां तमां।
खं खेतरपाळा, रह रखवाळा,  रूप निराळा, नमां नमां॥2
लखनव रे भेळौ, चामँड चेलो, आप अकेलौ, अलबेलो।
तन सिंदुर-तेलो, बहु बबरेलो, जग जबरेलौ, नाचैलो।
किलकार करैलौ, छम छम छैलौ, सबसू प्हैलौ, खमा खमा।
खं खेतरपाळा, रह ररखवाळा, रूप  निराळा, नमां नमां॥3
वपु धर अहि वाळौ, सहस फणाळौ, वळ विखवाळौ, घण काळौ।
नव हथौ निहाळौ, मथ मणियाळौ, मूंछां वाळौ, मतवाळौ।
बावन बबराळौ, बांबी वाळौ, कर किरमाळौ, चलै छमां।
खं खेतरपाळा, रूप निराळा, रह रखवाळा, नमां नमां॥4
डमरू डम डम्मा, घूंघर घम्मा, ठोल ढमम्मा, ढम ढम्मा।
बाजै डक बम्मा, झांझ झमम्मा,थणणण थम्मा, थै थम्मा।
छम छम रव छम्मा, पद परिकम्मा ,नाच नचम्मा, घणी खमा।
खं खेतरपाळा, रह ररखवाळा, रूप निराळा, नमां नमां॥5
दारू दाखांळी, लो लाखांळी, कढी कलाळी, तज-वाळी।
एलच लोंगाळी, मँह वरियाळी, दाडम वाळी, गुड -गाळी।
पीवौ भर प्याली,घण गाढाळी, आप कपाली, ले हथमां।
खं खेतरपाळा,रह रखवाळा,  रूप निराळा, नमां नमां॥6
जीमौ जबरैला, चंडी चेला, सबसूं पैला, फळ- केळा।
चूरमियौ छैला, गुळ घी भेळा ,नित नारेळा , हर वेळा।
घण धूप घुपैला, सरस सवेळा, दीप जळैला, सांझ समां।
खं खेतरपाळा,रह रखवाळा,  रूप निराळा,  नमां नमां॥7

म्हानै मांमा रो, सदा सहारौ, अर पतियारौ, बस थारौ।
जड पातक जारौ, आप उगारौ, भव रो भारौ, घण भारौ।
सब संकट टारौ, नरपत वारौ,भैरू म्हारौ, दुःख दमां।
खं खेतरपाळा, रह रखवाळा,रूप निराळा, नमां नमा॥8

कलस छप्पय

डमरू डाक डमाल,
झांझ डफ ढोलक  बाजै।
मादळ-भेरी मृदंग,
घणै रव गहरै गाजै।
मंदिर मँह मंजीर,
नगारो धुरै निराळो।
खेलै खेतरपाळ,
मुदित मांमौ मतवाळौ।
नित नाचै नखराळौ नमन, लांगडियौ लटियाळ औ।
शुभ लाभ करै  "नरपत" सदा,
विघन विदारणवाळ औ॥
वैतालिक

शनिवार, 19 सितंबर 2015

मु विन्दराजा हू

पागलो के अस्पताल के एक रूम में सभी पागल डांस कर रहे थे..

बस एक पागल चुपचाप बैठा था  . . .

डॉक्टर समझा,वो ठीक हो गया और पूछा तुम डान्स क्यों नहीं कर रहे?

. पागल: गेला मु विन्दराजा हूँ

बुधवार, 16 सितंबर 2015

दीदी चल दीस तीजा

दीदी चल दीस तीजा
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मरना होगे भांटो के , दीदी चल दीस तीजा
चार दिन ल कइसे पहाय, निकलत वोकर बीजा
नोनी बाबू सबो चल दीस, सुन्ना सुन्ना लागत हे
मोबाइल ल कोचकत हाबे, रात रात भर जागत हे
साग पान मिठात नइहे, रांधे ल नइ आवत हे
जरहा भुंजहा रांध के, अलवा जलवा खावत हे
जल्दी आबे मईके ले, फोन ल लगावत हे
दू दिन अऊ रुकहूं, दीदी ह चिल्लावत हे
काबर आथे तीजा पोरा, भांटो ह झल्लावत हे
कतको झन तो सुन्ना पाके, बोतल ल हलावत हे ।।
मरना होगे भांटो के, दीदी चल दीस तीजा
चार दिन ल कइसे पहाय, निकलत वोकर बीजा ।।

मंगलवार, 15 सितंबर 2015

भगवान री ब़णायोडी इण स्रीष्टी में

भगवान री ब़णायोडी इण स्रीष्टी में, किणी भांत कोइ कमी नी हैं ।लखूं जीव आप री जूंण में घणा राजी, व्है सगळा प्रकृती रे मुजब चालै अर आप री जीवा जूंण में लाड कोड सूं रैवै ।मिनख ईसर री सबसूं टणकी अर निराळी रचना हैं ।  पण आज काले मांनख रे जीवन में नी  तो परेम रो रस निजर आवै, नी कोड अर उमाव दिखै, अैडो लखावे के पूरो मानखो कठैइ दौड़  र पूगणो चावै, पण इण आपा धापी में   किणी ने इण बा़त री जाच कोनी के जाणो कठै हैं । इण रो कारण हैं के आदमी राम जी री दियोड़ी चीजो रे माथै हक जमाय लियो, जिण सूं मोह रो जंजाळ ब़णियो  मिळियोडी चीजो ने थिर राखण सांरू  अर नवी चीजो लेवण खातर मिनख आप रो पूरो जोर लगाय दियो । इण सूं चीजो री किमत मानखे सूं घणी व्हैगी, अर मिनख आप रो मान खुद घटाय लियो ।मिळियोडी चीज,  हालत  सूं कदेइ राजी नी रै सकै।इण कारण भांत  भांत री सामगरी भैळी करे  ।एक दूजा री होडा होड सूं इण रो कोइ छैह नी, पण मन तो कितरी चीजो भैळी करलो धापे ही कोनी ।  कारण जैडो मन चावै व्हैडो व्है कोनी,, ।पिलंग मूंघ मोलो ले आवै पण नींद कठासूं लावे, कमरा घणा जबरा पण भाइ सैण कठासूं लावे,  रसोइ  में बणावण री हजार चीज पण खावणो हाथे नी, इण भांत मिनख मुफत में आखी उमर खपतो जावे ।आ पाधरी बात समज में कोनी आवै  के चीजो मिनख रे वास्ते हैं मिनख चीजो रे वास्ते कोनी ।आ बात समज आयो मिनख मंगळ ग्रह री खोज करण री जगै जीवन में मंगळ री खोज करसी   ।         

बाज रिया है तंदुरा

जय बाबा की

*** बाज रिया है तंदुरा,
        बाबा रा  दरबार ***
## खम्मा खम्मा गावे है,
     झांजर-री झंन्कार ##

 जय बाबा री सा 