टीचर : (बच्चो से ) सभी लड़कियो को अपनी बहन समझो .
तभी पपुड़ो :सर जी मै तो कोनि समझू .
टीचर : क्यो ?
पपुड़ो:सर अगर सभी को अपनी बहन समझूगा तो सर इतनी बहनो का मायरा कैसे भरूगा ???
पोसावे कोन्नी ।
राजस्थानी की रचनाये चुटकुले कविताये rajasthani marwari jodhpuri kahawate jokes gk poems facts
टीचर : (बच्चो से ) सभी लड़कियो को अपनी बहन समझो .
तभी पपुड़ो :सर जी मै तो कोनि समझू .
टीचर : क्यो ?
पपुड़ो:सर अगर सभी को अपनी बहन समझूगा तो सर इतनी बहनो का मायरा कैसे भरूगा ???
पोसावे कोन्नी ।
"एक पावणा पेली बार सासरे गिया।
वोने बोलने री घनी आदत ही।
और उरी सासु भी गजब बोलाकड़ी ही।
बातों करते करते शाम तक सासु तो थक गई।
तो बोली
सासु__पावणा सासरे आयोड़ा हो सासरे में घणो नहीं बोलनो चईजे।
पावणा__ तो थे सासुमा कई नानाणे आयोडा हो कई?
एक बार एक ताई फिलम देखन चली गई।
फिलम देख के जब वापस आई तो एक छोरे ने पूछा,
री ताई पिक्चर देख आई के?
ताई बोली : रे छोरे, के बताऊं तन्ने...
छोरा बोल्ला- के बात होगी ताई?
ताई बोल्ली: बात के होणी...
जद मैं फिलम देखण लगी तो फिलम मे मेरे जेठ
जीसा एक मरद था...
छोरा : फेर के होया तो?
ताई: फेर के होणा था, सारी फिलम मे घूंघट काढ़ के
बैठी री।
----मारवाड़ी भाषा का आनंद---
भाईचारो मरतो दीखे,
पईसां लारे गेला
होग्या।
घर सुं भाग गुरुजी बणग्या,
चोर उचक्का चेला होग्या,
चंदो खार कार में घुमे,
भगत मोकळा भेळा होग्या।
कम्प्यूटर को आयो जमानो,
पढ़ लिख ढ़ोलीघोड़ा होग्या,
पढ़ी-लिखी लुगायां ल्याया
काम करण रा फोङा होग्या ।
घर-घर गाड़ी-घोड़ा होग्या,
जेब-जेब मोबाईल होग्या।
छोरयां तो हूंती आई पण
आज पराया छोरा होग्या,
राल्यां तो उघड़बा लागी,
न्यारा-न्यारा डोरा होग्या।
इतिहासां में गयो घूंघटो,
पाऊडर पुतिया मूंडा होग्या,
झरोखां री जाल्यां टूटी,
म्हेल पुराणां टूंढ़ा होग्या।
भारी-भारी बस्ता होग्या,
टाबर टींगर हळका होग्या,
मोठ बाजरी ने कुछ पूछे,
पतळा-पतळा फलका होग्या।
रूंख भाडकर ठूंठ लेयग्या
जंगळ सब मैदान होयग्या,
नाडी नदियां री छाती पर
बंगला आलीशान होयग्या।
मायड़भाषा ने भूल गया,
अंगरेजी का दास होयग्या,
टांग कका की आवे कोनी
ऐमे बी.ए. पास होयग्या।
सत संगत व्यापार होयग्यो,
बिकाऊ भगवान होयग्या,
आदमी रा नाम बदलता आया,
देवी देवता रा नाम बदल लाग्या
भगवा भेष ब्याज रो धंधो,
धरम बेच धनवान होयग्या।
ओल्ड बोल्ड मां बाप होयग्या,
सासु सुसरा चौखा होग्या,
सेवा रा सपनां देख्या पण
आंख खुली तो धोखा होग्या।
बिना मूँछ रा मरद होयग्या,
लुगायां रा राज होयग्या,
दूध बेचकर दारू ल्यावे,
बरबादी रा साज होयग्या।
तीजे दिन तलाक होयग्यों,
लाडो लाडी न्यारा होग्या,
कांकण डोरां खुलियां पेली
परण्या बींद कंवारा होग्या।
बिना रूत रा बेंगण होग्या,
सियाळा में आम्बा होग्या,
इंजेक्शन सूं गोळ तरबूज
फूल-फूल कर लम्बा हो गया
दिवलो करे उजास जगत में
खुद रे तळे अंधेरा होग्या।
मन मरजी रा भाव होयग्या,
पंसेरी रा पाव होयग्या,
राजसथान मे जब किसी आदमी या बचचे से गलती हो तो उसे इन नामों से पुकारते है
झालर
डोफा
लठ
मोथा
बिलळा
बगना
ढोंढा
जिनावर
घोना
बागड़
लिगती
ठूंठ
गेचर
बळध
गाफळ
टंटेर
झाउ
खोपा
बोफा
गेलसफी टाट
ढोर
हापु
हिङकिया
हियाळ
गुरू महिमा
आपद मेटी आप गूढ तत्व रो ज्ञान दे
परा मिटाया पाप जीवां जूणी जगत में
अंतस घोर अँधार गुरू उजाळा ज्ञान रा
शरणाई साधार. सहज मिलावै साँवरो
ऊजळ दीप उजास मोह रैण मगसी पड़ी
परकट भयौ परकास परमरूप परख्यो भलो
तीखण तपिया ताप आप जाप जपिया अती
छोड़ी मो मन छाप देव रूप दरसण दिया
दीन्ही जननी देह आतम रूप आयो नहीं
सतगुरू सदा सनेह पूरण पण पलटावियो
रतनसिहं चाँपावत कृत
काल रे अखबार में एक खबर छपी के नासा (अमरीका री संस्था) इण बात ने मान लीनी हैं के इण ब्रम्माण्ड में में घणा सूरज अर धरतियो हैं ।
जका बात हजारों बरसां पैली आपणा रीसी मुनी वेदो में लिख दिनी । इण बाबत लेखण हार री दीठ सूं आ हरख जैडी़ बात हैं ।. इण दीठ सूं तो आ सांचाणी हरख री बात हैं, के जिण जगै विग्यान अबै पूगो, वठै आपां हजारों बरसां पैली पूग गा हा ।पण इण रे साथे, इण बात रो थोडो़ दुख वियो के अपाणे माथा में ओ कांइ भूत बड़गो के जद तांइ आथूणला मिनख को ई बात नी मान ले, जद तांइ अपां खुद री बात ने नी मान सकां ।
योग ने जद तांइ नी मानियो जद तांइ ओ आथूणला मुलकों में ओ घणो चावो नी व्हैगो, अर ओ योग री जगह योगा बणगो, आपणो मूलक घणो जूनो हैं ।अठारा रीती रीवाज, अठारी सनातन सूं चालती परम्परावां अर जीवण रो ढंग आखै संसार सूं निराळो हैं, इण रो कारण हैं, के जकी जूनी सभ्यतावां भारत रै साथे पनपी, वै सगळी समै रे फेर में काळ रै गाल में समाय गी ।
पण आंपणी सनातन संस्क्रती लारलै हजारों बरसो सूं चाल री हैं ।पण आथूणला मिनखां री आ सोच के मैं जाणो जको इज साच हैं, बाकी सगळी बातां जूठ हैं ।अै लोग अैडौ़ भरम फैलाय दीयो के, आपणै अठारा भणिया पढिया लोग आप री जडा़ सूं एडा़ कटिया के वै सगळा वणारी बात इज मांने ।बानगी रे रूप में देखो तो आंपणे अठारा रा कमनिस्टो (कम्यूनिस्टो) ने भगवान राम अर किसन रे वैवण में शंका हैं । आप ने याद दीरावूं एकर भारत री सरकार कोट में हलफ नामो दियो के राम जी विया इ कोनी, इण कारण सेत बंध रामेसर री बात कूड़ी हैं । पछै ओ हलफ नामो पाछो लेवणो पड़ियो । आज सूं केइ बरसो पैली तक आंपणी इण बात वास्ते मजाक उडावता के भारत रा लोग रूखां ने देवता मांने, अबै सगळी दुनिया रे गळै आयी जद परयावरण रै नाम माथै रुंखा ने पोखण री बात करीजै ।भलां ही पुस्पक विमाण री बात वो अर भलां ही समुदर मथण री बात वो ओ ने तो कोरी भीलळायां इज लागती ।भारत रा भणिया पढिया अर अंगरेजीदा लोगो ने जद तक आथूणला देसां रा लोग हामळ नी भरले जदतक बातडी़ आंरे गळै को उतरेनी ।
एक फेरूं बानगी देखो ए सूर्य ने सूर्या कैसी, योग ने योगा, क्रिष्ण ने क्रिष्णा आ तो व्ही बोली चाली री बात । जै कोइ आथूणा देसां री किणी पोथी में आंपणे मूलक रे नेता री, अभिनेता री या किणी खेलाडीं री चोखी या भूंडी कोइ बात छपगी वै या कोइ चितराम मंडगो वै तो आपणो मीडिया आकाश पताळ एक करदे ।इण इण फिलमो वाळो ने कोइ नाम नी मिळियो उठीने हाॅलीवुड तो अठीने बाॅलीवुड, दिखणाद में टाॅलीवुड ।फिलम ने आस्कर में नाम लिखावण वास्ते मर पुरा दे ।आपणा इतियास कारां रो तो कैवणो ही कांइ, ए तो आथूणी दीठ रो एडो़ चश्मो लगायो हैं, के आं ने भारत रे शूरमाओ री बादरी (बहादुरी), आपणी विरासत रा बखाण, आपणी घणी गरवीली संस्क्रती रा गीत इण लोगां सूं गायी जे कोनी ।बातडी़ घणी लांबी व्हैगी, म्हारो केवण रो मतळब फक़त इतरो इज हैं, के क्यूं नी अपो ने आंपणे ब़डेरो रे ग्यान माथै, वारां त्याग तप , अर वारां करियोडा़ घणा ऊंचा कामड़ा माथै गरब व्है? ।अर खुद रे माथै भरोसो क्यूं नी हैं ।? इण बात माथै जरूर विचार करावाड़ो