बेटो बोल्यौ,
"पिताजी"
मैं लव मेरीज करूंला ।
नीतर बैरे बावड़ी पड़ूला ।
पिताजी जमाने नै देख नै डर गिया ।
यूं लागौ जाणै जीवता ई मर गिया ।
पिताजी बेटे नै समझावता बोल्या,
बेटा लव मेरीज में कांई पड़ियौ है?
ब्याव री मौज थूं ले नी सके।
शादी रा कार्ड कीनी दे नी सके।
नानैरा वाला मायरौ भर नी सके।
मेहमानों रौ स्वागत थूं कर नी सके।
"और बेटा"
जो लड़की उण रै मॉ बाप रै,
ईज्जत रा कांकरां कर सके।
वा लड़की कदैई थारा माथा में,
जूता भी धर सके।
इण वास्ते बेटा ऐक ई कायदो है के।
समाज री लड़की लावण में ई फायदो है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें