गुरुवार, 3 मार्च 2016

आओ पाछा गाँव चाला

आओ पाछा गाँव चालां

छोटा सा गाँव मेरा,
पूरा बिग बाजार था...!!

एक नाई,
एक मोची,
एक कालिया लुहार था..!!

छोटे छोटे घर थे, हर आदमी बङा दिलदार था..!!

कही भी रोटी खा लेते, हर घर मे भोजऩ तैयार था..!!

बाड़ी की सब्जी मजे से खाते थे, जिसके आगे शाही पनीर बेकार था...!!

दो मिऩट की मैगी ना पितज़्ज़ा,
झटपट टिकड़ॉ , भुजिया, आचार, या फिर दलिया तैयार था...!!

नीम की निम्बोली और बोरिया सदाबहार था....
छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था...!!

रसोई के परात या घड़ा को बजा लेते,
भंवरू पूरा संगीतकार था...!!

मुल्तानी माटी से तालाब में नहा लेते, साबुन और स्विमिंग पूल बेकार था...!!

और फिर कबड्डी खेल लेते,
हमें कहाँ क्रिकेट का खुमार था..!!

दादी की कहानी सुन लेते,
कहाँ टेलीविज़न और अखबार था...!!

भाई -भाई को देख के खुश था, सभी लोगों मे बहुत प्यार था..!!

छोटा सा गाँव मेरा पूरा बिग बाजार था...!!!

शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

केर सांगरी रो साग

एक नौजवान हावड़ा स्टेशनपर मिला।
कहने लगा -
"मेरी जेब से पर्स कही गिर गया है,
बस मुझे हावड़ा से धनबाद पहुंचने तक के पैसे दे दीजिये ।
टिकट 105 रूपयेका है । और आगे धनबाद रेलवे स्टेशन से मैं पैदल अपने घर चला जाऊंगा ।
बस 105 रूपये चाहिये।
वैसे मै बहुत संपन्न परिवार से हूँ । मुझे मांगते हुए झिझक महसूस हो रही है ।"

मारवाड़ी ने  कहा -
"इसमे शर्माने वाली कोई बात नहीं है,
कभी मेरे साथ भी ऐसा हो सकता है l

ये लो मेरा फोन,
अपने घर वालो से बात करो,
कहो कि
मेरे इस नबंर पर 200 रूपयेका रिचार्ज करवा दें और तुम मुझसे 200 रूपये नकद ले लो ।
तुम्हारी परेशानी खत्म ।"

वो व्यक्ति बिना कुछ बोले आगे बढ गया।

केर सांगरी रो साग
ओर मारवाड़ी  रो दिमाग
आखा जग में इरो तोड़ कोणी
❗❗..........❗❗

दारू दुसमण देह री, नेह घटादे नैण।

दारू दुसमण देह री, नेह घटादे नैण।
इज्जत जावै आप री, लाजां मरसी सैण।१।

दारू तो अल़घी भली, मत पीवो म्हाराज।
कूंडो काया रो करै, घर मैं करै अकाज।२।

मद मत पीवो मानवी, मद सूं घटसी मान।
धन गंवास्यो गांठ रो, मिनखां मांही शान।३।

दारू री आ लत बुरी, कोडी करै बजार।
लाखीणै सै मिनख रा, टका कर दे च्यार।४।

दारू रा दरसण बुरा, माङी उणा री गत।
ज्यांरै मूँ दारू लगी, पङी जिणां नै लत।५।

ढ़ोला दारू छोङदे, नींतर मारू छोङ।
मद पीतां मरवण कठै, जासी काया छोङ।६।

मदछकिया छैला सुणो, देवो दारू छोङ।
नित भंजैला माजनू, जासी मूछ मरोङ।७।

दारू दाल़द दायनी, मत ना राखो सीर।
लाखीणी इज्जत मिटै, घर रो घटसी नीर।८।

दारू देवै दुःख घणा, घर रो देवै भेद।
धण रो हल़को हाथ ह्वै, रोक सकै ना बैद।९।

धण तो दुखियारी रहै, दुख पावै औलाद।
जिण रै घर दारू बसै, सुख सकै नहीं लाध।१०।

मिनख जूण दोरी मिलै, मत खो दारू पी'र।
धूल़ सटै क्यूं डांगरा, मती गमावै हीर।११।

दारू न्यूतै बण सजन, दोखी उणनै जाण।
दूर राखजे कर जतन, मत करजे सम्मान।१२।

दारू सुण दातार है, घणां कैवला लोग।
मत भुल़ ज्याई बावल़ा, मती लगाजे रोग।१३।

गाफल मत ना होयजे, मद पीके मतवाल।
लत लागी तो बावल़ा, राम नहीं रूखाल़।१४।

रैज्ये मद सूं आंतरो, सदां सदां सिरदार।
ओगणगारी मद बुरी, मत मानी मनवार।१५।

मद री मनवारां करै, नीं बो थारो सैण।
दूर भला इसङा सजन, मती मिलाज्यो नैण।१६।

जे सुख चावो जीव रो, दारू राखो दूर।
घर रा सै सोरा जिवै, आप जिवो भरपूर।१७।

गढ़'र कोट सै खायगी, दारू दिया डबोय।
अजै नहीं जे छोडस्यो, टाबर करमा रोय।१८।

दुख पावैली टाबरी, दे दे करमा हाथ।
परिवारां जे सुख चहै, छोङो दारू (रो) साथ।१९।

चारण ओ अरजी करै, मद नै जावो भूल।
मिनख जमारो भायला, कींकर करो फजूल।२०।

खरा सौदा

खरा सौदा
गुजराती, राजस्थानी और सिन्धी में चर्चा शुरू हुई की सबसे ज्यादा रईस कौन है?

तीनो का ही जवाब था, "मैं"।

यह देख पास ही में बैठा पंजाबी बोला, "साबित करके बताओ की तुम में से सबसे ज्यादा रईस कौन है?"

गुजराती ने जेब से 500 का नोट निकाला और उसकी सिगरेट बना कर माचिस जलाई और पीने लगा।

सिन्धी को इसमें अपनी तौहीन नज़र आई उसने जेब से 1000 का नोट निकाला सिगरेट बनाई और जला कर उसे पीने लगा बोला,"वडी हमसे बड़ा रईस कौन हो सकता है इण्डिया में।"

पंजाबी राजस्थानी की तरफ देखने लगा।

राजस्थानी ने अपना ब्रीफकेस खोला चेकबुक निकाली और एक चेक भरा 5 लाख रुपये, उस चेक की सिगरेट बनाई और माचिस जला कर उसे पीने लगा बोला, "भाया सबसे बड़ा रईस वो जो बिना नुक्सान किये मज़े लेवे।"

कहानी का मूल: सब कुछ करने का लेकिन राजस्थानी से पंगा नही लेने का।

वाद-विवाद

आज का ज्ञान !!!
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जिस छोरी ने स्कूल में वाद-विवाद प्रतियोगिता
जीती हो,
भूल से भी उससे ब्याह ना करें !

सँध्या बिँदणी

ये सुनकर कटप्पा फरार हो गया है..
की
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बाहुबली मर्डर केस की
जाँच
सँध्या बिँदणी
करेगी…

सोमवार, 22 फ़रवरी 2016

पटवारी के पीछे एक कुत्ता

गॉव में पटवारी के पीछे एक कुत्ता पड़ गया।
सारे गॉव में भागने के बाद पटवारी पेड़ पर चढ़ गया और बोला -
" साले तेरे पास एक बिघा भी जमींन होती न, तो पता चलता की तूने किससे पंगा लिया है ।"