बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

अबार आंख्यां फोड़ देता

वाइफ के गाल पर गुलाब मारने पर
इंग्लिश वाइफ :
यू आर सो नॉटी
पंजाबी वाइफ :
तुस्सी वड्डे रोमांटिक हो जी
मारवाड़ी वाइफ :
अता बडा होग्या पण लखन टाबरा का ही रेहसी..
अबार आंख्यां फोड़ देता

मारवाड़ी स्टाइल हेजल कीच

मारवाड़ी स्टाइल

हेजल कीच (युवराज की होने वाली बीवी) अपनी पड़ोसन से तीसरे टी ट्वेंटी मैच के बाद बतियाते हुए

" भाई रे धोनीड़े रो तो काळो मुंडो अर लीला पग , पेली दो मैचो में तो  "इयोने"   बैटिंग ही को दी नी।
पछे गळे में आई जने बेटो खुद तो गियो ही कोनी अर "इयोने" भेज दिया बैटिंग माथे। वा तो देवी लाज राखी जने " ऐ" जिता ने ही पाछा आया ,
बाकि ओ धोनीडो तो इयोने रुळावण में ही ज लागोडो हो......

पोठा थापणा है....

जाट डॉक्टर कन गयो और बोल्यो :

डाकटर साब, काल स पतली टट्यां लाग है... कोई दवा दो म्हन...

डॉक्टर बोल्यो : लागण द... तन किसा पोठा थापणा है....

मरतो  मरतो बचियो

बस इतना ही कहा था मैंने कि,
.
तेरे प्यार में बरसों से प्यासा हूँ सनम;

और उसने पानी का पाइप मुंह में डालकर मोटर चला दी!

.
मरतो  मरतो बचियो

शुक्रवार, 15 जनवरी 2016

ऊँट गै डाम हाळी

बातां राजस्थान री।

ई बातां मिनख भूलै कोनी...
आ समझ ल्यो कै , बै बातां ऊँट गै डाम हाळी सी हुवै।

मेरो नयो नयो ब्याव हुयो हो ।
दिसंबर के महीना में ! कोई दस दिन बाद मळ लाग ग्या ! दो जनवरी नै मेरी सासु मनै तार भेज्यो ...

अब मैं तो पढ़यो लिख्यो आदमी
तारबांच्यो !! बो तार मेरी सासु भेज्यो हो !"कै कंवर साब मळ् शरू हुग्या थे शनिवार नै आ ज्यायो तेल बाळ स्यां ....गुलगुला बड़ा खा लेया

"मै दूसरे ही दिन एक देसाई बीड़ी गो मंडळ ,एक मर्फी हालो रेडियो लेगे सासरै पुग ग्यो !

बठै मनै तातो पाणी झलायो । मनै थोड़ो रौब झाड़नो हो ,
मैं बोल्यो -"तातो पाणी तो लुगाई पताई पीवै अर का फेर कमजोर मोट्यार .... मैं तो कोरै मटकै को पाणी पीऊँ
"सगळा वाह वाह करी कै जंवाई तो जबर मोट्यार है ।मनै कोरो किंकर सो पाणी झला दियो और में एक सांस में लौटो खाली कर दियो ।

मेरै गळै स्यूं लेगे किडनी फ़ेफ़डा ताईं सपीड उपड़यो ..
.जाणै कणी लट्ठ घसो दियो है....पण में सहन कर ग्यो।

आथण मेरी सासु गुलगुला बड़ा बणाया ...मैं खूब गुल गुला बड़ा खाया और ठंडो पाणी ओज्यु पियो!
फेर थोड़ी देर तक बीड़ी पी और आल इंडिया रेडियो पर ठुमरी दादरी सुणी ।रात नै दस बजे मेरी सासु रजाई और सोड़ीयो झलायो।

मैं पाछो रौब झाड़ दियो -"ना माँजी रीजाई पाछी ले ज्यावो ... मनै तो इस्यो पाळो सुवावै।"मेरी सासु रीजाई पाछी लेके उठगी ।

में भगवान् नै हाथ जोड़के और एक आनंदकर गोळती लेकर सो ग्यो ।

रात नै बारा बजे मेरा हाड कांपण लाग ग्या ....में घणी कोशीश करी, पण दांत कांट किलारी हाळै ज्यूँ कूट कूट कूट कूट करण लॉग ग्या ।

मेरो सब्र जवाब दे ग्यो ... कै आज मोट्यार कल्डो हुगै मरसी ...इयां तो गंडक ही को मरै ।में उठ्यो और रीजाई ल्याण खातर दूसरै कमरै में बड़ग्यो !

गळती स्यूं रसोई में घुस ग्यो ..इनै बीनै हाथ मारया जणा एक लौटे क ठोकर लागगी ।लौटियो गुड ग्यो और मेरी सासु जाग गी ।

मैं शर्मीज ग्यो और पाछो जा क मांचलियै पर पड़ग्यो .. मेरी सासु सोच्यो कै कंवर साब नै प्यास लागी है। बा एक सेर ळो ताँबे को लोटो भरयो और मेरै कनै आ क बोली --ल्यो

अंधेरो हो ... मैं सोच्यो कै सासु माँ रीजाई ल्याई है । मैं बोल्यो ,- ऊपर गेर दयो ।

सासु माँ ठंडो पाणी मेरै ऊपर गेर दियो और जा क सो गी ।
अब भाईडो में कई देर तो फाटेङो किन्नौ (पतंग) करै ज्यूँ थर्रर्रर ...थर्रर्र करयो ....फेर कलडो हुग्यो ..

.तीरकबाण हाळै ज्यूँ ।दिनगै समूचा मेरै कनै भेळा हुग्या । मेरो शरीर तो लट्ठ भर को कलडो हु राख्यो ।

कोई की उपाय बतावै कोई कीउपाय बतावै ।

फेर मेरी साळी बोली कै ...आपणो पाडियो कलडो हुयो जणा आपाँ बिंगे डाम दियो ...

जीजोजी गै भी डाम दयो , नई तो बाई नै धोळो ओढ़णो पड़सी ।

मेरी साळी रसोई में गई और चिंपियो तातो कर क ल्याई

मनै उल्टो करगे और मगरां में रीढ़ हाळी हाडी पर तातो चिंपियो चेप दियो ।

मेरी सर्दी तो जांती रहई पण बो डाम गो मंडाण आज भी है ।
खम्मा घणी सा®ज्यादा सासरे में हेकड़ी ना मार्जो।
www.rajrangilo.blogspot.in

रविवार, 10 जनवरी 2016

चेक करण का

हरियाणवी छोरा छोरी को आँख मारता है.
छोरी-मै एसी वैसी लडकी ना हू
छोरा -कोए बात ना बेबे माहारा तो फर्ज बन था चेक करण का

शनिवार, 9 जनवरी 2016

राजस्थानी भासा

इणरौ इतिहास अनूठो है, इण मांय मुलक री आसा है ।चहूंकूंटां चावी नै ठावी, आ राजस्थानी भासा है ।जद ही भारत में सताजोग, आफ़त री आंधी आई ही ।बगतर री कड़ियां बड़की ही, जद सिन्धू राग सुणाई ही ।गड़गड़िया तोपां रा गोळा, भालां री अणियां भळकी ही ।जोधारां धारां जुड़तां ही, खाळां रातम्बर खळकी ही ।रड़वड़ता माथा रणखेतां, अड़वड़ता घोड़ा ऊलळता ।सिर कटियां सूरा समहर में, ढालां तरवारां ले ढळता ।रणबंका भिड़ आरांण रचै, तिड़ पेखै भांण तमासा है ।उण बखत हुवै ललकार उठै, वा राजस्थानी भासा है ॥१॥इणमें सतियां रा शिलालेख, इणमें संतां री बाणी है ।इणमें पाबू रा परवाड़ा, इणमें रजवट रो पांणी है ।इणमें जांभै री जुगत जोय, पीपै री दया प्रकासी है ।दीठौ समदरसी रामदेव, दादू सत नांम उपासी है ।इणमें तेजै रा वचन तौर, इणमें हमीर रो हठ पेखौ ।आवड़ करनी मालणदे रा, इणमें परचा परगट देखौ ।जद तांई संत सूरमा अर, साहितकारां री सासा है ।करसां रै हिवड़ै री किलोळ, आ राजस्थानी भासा है ॥२॥करमां री इण बोली में ही, भगवान खीचडौ़ खायौ है ।मीरां मेड़तणी इण में ही, गिरधर गोपाळ रिझायौ है ।इणमें ही पिव सूं माण हेत, राणी ऊमांदे रूठी ही ।पदमणियां इणमें पाठ पढ्यौ, जद जौहर ज्वाळा ऊठी ही ।इणमें हाडी ललकार करी, जद आंतड़ियां परनाळी ही ।मुरधर री बागडोर इणमें ही, दुरगादास संभाळी ही ।इणमें प्रताप रौ प्रण गूंज्यौ, जद भेंट करी भामासा है ।सतवादी घणा सपूतां री, आ राजस्थानी भासा है ॥३॥इणमें ही गायौ हालरियौ, इणमें चंडी री चिरजावां ।इणमें ऊजमणै गीत गाळ, गुण हरजस परभात्यां गावां ।इणमें ही आडी औखांणा, ओळगां भिणत वातां इणमें ।जूनौ इतिहास जौवणौ व्है, तौ अणगिणती ख्यातां इणमें ।इणमें ही ईसरदास अलू, भगती रा दीप संजोया है ।कवि दुरसै बांकीदास करन, सूरजमल मोती पोया है ।इणमें ही पीथल रचि वेलि, रचियोड़ा केइक रासा है ।डिंगळ गीतां री डकरेलण, आ राजस्थानी भासा है ।।४॥इणमें ही हेड़ाऊ जलाल, नांगोदर लाखौ गाईजै ।सौढो खींवरौ उगेरै जद, चंवरी में धण परणाईजै ।काछी करियौ नै तौडड़ली, राईको रिड़मल रागां में ।हंजलौ मौरूड़ौ हाड़ौ नै, सूवटियौ हरियै बागां में ।इणमें ही जसमां औडण नै, मूमल रूप सरावै है ।कुरजां पणिहारी काछवियौ, बरसाळौ रस बरसावै है ।गावै इणमें ही गोरबंद, मनहरणा बारैमासा है ।रागां रीझाळू रंगभीनी, आ राजस्थानी भासा है ॥५॥इणमें ही सपना आया है, इणमें ही औळूं आई है ।इणमें ही आयल अरणी नै, झेडर बाळौचण गाई है ।इणमें ही धूंसौं बाज्यौ है, रण-तोरण वन्दण रीत हुई ।इणमें ही वाघै-भारमली, ढोलै-मरवण री प्रीत हुई ।इणमें ही बाजै बायरियौ, इणमें ही काग करूकै है ।इणमें ही हिचकी आवै है, इणमें ही आंख फ़रूकै है ।इणमें ही जीवण-मरण जोय, अन्तस रा आसा-वासा है ।मोत्यां सूं मूंगी घणमीठी, आ राजस्थानी भासा है:-शक्तिदान कविया बिराई