मंगलवार, 8 सितंबर 2015

इण ब्रम्माण्ड में में घणा सूरज अर धरतियो हैं ।    

काल रे अखबार में एक खबर छपी के नासा (अमरीका री संस्था) इण बात ने मान लीनी हैं के इण ब्रम्माण्ड में में घणा सूरज अर धरतियो हैं ।       
जका बात हजारों बरसां पैली आपणा रीसी मुनी वेदो में लिख दिनी ।  इण बाबत लेखण हार री दीठ सूं आ हरख जैडी़ बात हैं ।. इण दीठ सूं तो आ सांचाणी हरख री बात हैं, के जिण जगै विग्यान अबै पूगो, वठै आपां हजारों बरसां पैली पूग गा हा ।पण इण रे साथे, इण बात रो थोडो़ दुख वियो के अपाणे माथा में ओ कांइ भूत बड़गो के जद तांइ आथूणला मिनख को ई बात नी मान ले, जद तांइ अपां खुद री बात ने नी मान सकां ।     
योग ने जद तांइ नी मानियो जद तांइ ओ आथूणला मुलकों में ओ घणो चावो नी व्हैगो, अर ओ योग री जगह योगा बणगो, आपणो मूलक घणो जूनो हैं ।अठारा रीती रीवाज, अठारी सनातन सूं चालती परम्परावां अर जीवण रो ढंग आखै संसार सूं निराळो हैं, इण रो कारण हैं, के जकी जूनी सभ्यतावां भारत रै साथे पनपी, वै सगळी समै रे फेर में काळ रै गाल में समाय गी ।   
पण आंपणी सनातन संस्क्रती लारलै हजारों बरसो सूं चाल री हैं ।पण आथूणला मिनखां री आ सोच के मैं जाणो जको इज साच हैं, बाकी सगळी बातां जूठ हैं ।अै लोग अैडौ़ भरम फैलाय दीयो के, आपणै अठारा भणिया पढिया लोग आप री जडा़ सूं एडा़ कटिया के वै सगळा वणारी बात इज मांने ।बानगी रे रूप में देखो तो आंपणे अठारा रा कमनिस्टो (कम्यूनिस्टो) ने भगवान राम अर किसन रे वैवण में शंका हैं ।  आप ने याद दीरावूं एकर भारत री सरकार कोट में हलफ नामो दियो के राम जी विया इ कोनी, इण कारण सेत बंध रामेसर री बात कूड़ी हैं ।  पछै ओ हलफ नामो पाछो लेवणो पड़ियो । आज सूं केइ बरसो पैली तक आंपणी इण बात वास्ते मजाक उडावता के भारत रा लोग रूखां ने देवता मांने, अबै सगळी दुनिया रे गळै आयी जद परयावरण रै नाम माथै रुंखा ने पोखण री बात करीजै ।भलां ही पुस्पक विमाण री बात वो अर भलां ही समुदर मथण री बात वो ओ ने तो कोरी भीलळायां इज लागती ।भारत रा भणिया पढिया अर अंगरेजीदा लोगो ने जद तक आथूणला देसां रा लोग हामळ नी भरले जदतक बातडी़ आंरे गळै को उतरेनी ।   
एक फेरूं बानगी देखो   ए सूर्य ने सूर्या कैसी, योग ने योगा,    क्रिष्ण ने क्रिष्णा आ तो व्ही बोली चाली री बात ।   जै कोइ आथूणा देसां री किणी पोथी में आंपणे मूलक रे नेता री, अभिनेता री या किणी खेलाडीं री चोखी  या भूंडी कोइ बात छपगी वै या कोइ चितराम मंडगो वै तो आपणो मीडिया आकाश  पताळ एक करदे ।इण    इण फिलमो वाळो  ने कोइ नाम नी मिळियो उठीने हाॅलीवुड तो अठीने बाॅलीवुड, दिखणाद में टाॅलीवुड ।फिलम ने आस्कर में नाम लिखावण वास्ते मर पुरा दे ।आपणा इतियास कारां रो तो कैवणो ही कांइ, ए तो आथूणी दीठ रो एडो़ चश्मो लगायो हैं, के आं ने भारत रे  शूरमाओ री बादरी (बहादुरी), आपणी विरासत रा बखाण, आपणी घणी गरवीली संस्क्रती रा गीत इण लोगां सूं गायी जे कोनी ।बातडी़ घणी लांबी व्हैगी, म्हारो केवण रो मतळब फक़त इतरो इज हैं, के क्यूं नी अपो ने आंपणे ब़डेरो रे ग्यान माथै, वारां त्याग  तप , अर वारां करियोडा़ घणा ऊंचा कामड़ा माथै गरब व्है? ।अर खुद रे माथै भरोसो क्यूं नी हैं ।? इण बात माथै जरूर विचार करावाड़ो   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें