शुक्रवार, 4 सितंबर 2015

घणी घणी बधाईयां

आप सगळां ने म्हारे अंतस सूं शिक्षक दिवस अर  जनम आटम (किसन जी रे जनम दिन)) री घणी घणी बधाईयां आ घणी सांतरी बात छै के देस में सरकारी शिक्षक दिवस हैं अर जगत रे गुरू कान्हे रो जनम दिन छै (क्रिष्णम् वन्दे जगद गुरूं) इण मोके अैक बात मन मांय आयी के गुरू जी रो मान सनमान करण री रीत आपणे देस में जुगों जुगों चाल री हैं जिण ने आपां गुरू पूनम कैवौ इण दिन सगळा गुरू जी री पूजा करे पछै ओ शिक्षक दिवस न्यारो किण कारण इण सूं जको बात म्हारे समझ आयी गुरू अर शिक्षक न्यारा न्यारा हैं दूजी बात आज रा शिक्षक गुरू जी नीं हैं आ बात पकी वै जावै खैर इण बात  रो पडूतर तो घणा भणिया पडिया मानवी दे सके पण अैक ब़ात जका म्हे निजर करणी चाहूं वा आ हैं कै शिक्षक किण ने कैवे? कांइ आज रा शिक्षक साचा अरथ में शिक्षक हैं? इण पर विचार करावाड़ो तो शिक्षक कुण हैं? जको आपरी जाणकारी, आपरी अक्ल हुसियारी, अर भमेक (विवेक) सूं आवळ वाळी पीढी ने सुतन्तर रूप जीवन में उजास लाण री सीख दे सके इणी ज भांत करमचारी कुण? जको कहयोड़ो कांम करे (भळायोडो काम करे) विण ने आप रे काम री रीत नीत अर रंग ढंग बणा वण अधिकार कोनी व्है इण दीठ सूं दैखा तो आज रा शिक्षक करमचारी कहया जा सके,,   कारण पोशाळाओं रो समै (टेम) राजनेता तै करे      ", ० भणन पढण री बाबत काइ सामग्री (पाठ्क्रम) व्है सी सरकार तै करसी              शिक्षक लैवण री रीत नीत मोटोड़ा अफसर तै करसी,      शिक्षक पोशाळ में कांइ करसी आ ब़ात राज नेता तै करसी (पढाणो हैं के, रोटी बाटी रो हिसाब किताब राखणो,, के ढोर गिणना ,, मिनख गिणना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,     )) पोशाळ में छुट्टियां कद रैसी राज नेता तै करसी,,,,,,, किण इलाका रा टाबरो ने घर घर जाय ने शिक्षक पोशाळ  में लावेला आ बात उपर सूं तै व्हैसी,,,,            , गिणती घणी लांबी व्है जासी,     मिनखां मूळ में इण बात रो विचार करो सुतन्तर भारत में जितरा प्रयोग भणाइ पढाइ रै मेकमे (विभाग) में विया जितरा दूजा कठैइ नी विया पण इण रो फ़ळ चायो जैडो कोनी मिळियो इण रो कारण कांइ है(१)जैडो राज आयो आपरै मुजब वेडी सगळी बातां बदळदी (२)आज री जका पढाइ री रीत नीत हैं जका आपणी परम्परा ने पोखण वाळी कोनी जका शिक्षा समाज री संस्क्रती उणरा उजळा पख,, ने उघाड़ अर दुनिया रे सामी नी लाय सके वा लोगो रे हिये नी ढूके इण दीठ सूं आ उधार लियोडी विवस्था (व्यवस्था) जमी कोनी,,, (३)सबसूं जरूरी बात माथै ध्यान नी जावै वा आ हैं के शिक्षा ने राज सता रे नीचे करदी भारत देस में जुगों जुगों सूं राज री सत्ता सूं. शिक्षक हमेश ऊचों रियो हैं, (राम रो राज,  चंद्रगुप्त मौर्य,) जद जद भारत में ही राज सता शिक्षक ने करमचारी बणायो,  तद विकास री जगै भिणाश (विनाश) ही वियो,  द्रोणाचारज (द्रोणाचार्य) इण री बानगी हैं विग्यान ने अणूती उचाई माथै पूगायां पछै मिनखां रो खोगाळ वियो कारण के राज सता ने मारग बतावण वाळो शिक्षक करमचारी बणगो इण टाणे अे बातां म्हारे मन में उफण गी आप मन रा मेळू हो इण खातर आप तांइ पूगाय दी   

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